Tuesday, December 21, 2010

Dil ki Aawaaz.... Blog ke Zubaan

दुनिया गोल् हैं |
जिन्दगी अन्मोल हैं |
मामला तो सरल हैं |
बस एक मीठी बोल हैं |
मुश्किलों को तो झेलना हैं हमे |
पर मुस्कुराने मे क्या हैं घम् ?
कल को तो देखना हैं हमे |
पर आज को क्यों भूले हम् |
भूक तो लगती है हमे |
किसी की भूक मिटाने मे क्या हैं घम् |
अपनी खुशी तो चाहिये हमे |
दूसरों के दुख को क्यों भूले हम् |
नफ्रत् तो हर जगह दिखता हैं हमे |
मगर प्यार करने मे क्या हैं घम् ?
मरना तो हैं हमे |
पर जीना क्यों भूले हम् |
मरना तो बस हैं हमे |
पर जीना क्यों भूले हम् |

2 comments:

pistolpete said...

CHOR KABSE CHALU KIYA HINDI MEIN LIKHNA. HAHA ITS NICE ANYWAY

Unknown said...

hya baat hai malik!!!!shayar baan gaya