आप् ने ही तो माँगा था मेरी हंसी।
फिर् क्यो आप् ने छींना हैं मेरी खुशी।
लूटा हैं आप् ने मेरा चैंनो-आराम्।
आप् के खयालो ने किया हैं मेरा जीना हराम्।
इश्क ने ही तो किय़ा हैं ये घो़टाला।
मत् छोडों इस् दिल् पे एक् धाग् काला।
अब् न और् तड्पाओ यहि मेरी गुजारिश्।
मान् भी जाओ अब् बस् यहि मेरी ख्वायिश्।
P.S: I lost my touch in writing Hindi. So please forgive my
mistakes, if any. Thank you :-)
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